एक समय था जब व्यवसाय के वित्तीय लेनदेन, स्टॉक, प्रॉफिट और लॉस की जानकारी रखने के लिए हाथ से लिखकर अकाउंटिंग की गतिविधियां दस्तावेज के रूप में तैयार की जाती थी लेकिन अब समय बदल चुका है। आज सभी उद्योगों का सारा कामकाज कंप्यूटर पर आधारित हो चुका है ऐसे में अकाउंटिंग भी कंप्यूटर आधारित हो चुका है, जिसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर – टैली (Tally in Hindi) है। आज यह सॉफ्टवेयर छोटे उद्योग से लेकर बड़े उद्योगों में भी इस्तेमाल किया जाता है।
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टैली क्या है? (What is Tally in Hindi)

आप हमारे (Tally in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की Tally क्या है?(tally kya hai) कैसे सीखे और Expert बने फायदे और नौकरिया इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।
आजकल सभी कामकाज के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है ऐसे में अब कंपनियां भी अपने अकाउंट से जुड़े कामों के लिए कई तरह के अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें से सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है टैली। tally kya hai जो कि एक क्लाउड आधारित सॉफ्टवेयर है। जिसका फूल फॉर्म है Transaction Allowed in a Liner Line Yards (Tally)। टैली को 1986 में श्याम सुंदर गोयनका और उनके बेटे भरत गोयनका ने बनाया था।
इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सभी स्तर के उद्योग करते आ रहे हैं। विस्तृत अकाउंट गतिविधियों को व्यवस्थित करके संचालित करने के लिए टैली एक लोकप्रिय सॉफ्टवेयर है। इस सॉफ्टवेयर को समझने के लिए प्रॉफिट एंड लॉस, बुक कीपिंग, एनालिसिस स्टॉक मेंटेनेंस इत्यादि को समझना भी जरूरी है। वैसे तो टैली के कई वर्जन है लेकिन लेटेस्ट वर्जन ERP 9 है।
टैली का इतिहास (History of Tally in Hindi)
टैली का इतिहास बहुत ही रोचक है। कॉटन का बिजनेस आग से नष्ट हो जाने के बाद साल 1986 में श्याम सुंदर गोयनका और उनके बेटे भरत गोयनका द्वारा टैली सॉल्यूशंस की स्थापना की गई थी। इसकी शुरुआत एक अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन – प्यूट्रॉनिक्स फाइनेंशियल अकाउंटेंट के रूप में हुई थी। वास्तव में कंपनी की स्थापना साल 1991 में हुई थी और बाद में साल 1999 इसका नाम बदलकर टैली सॉल्यूशंस कर दिया गया।
श्याम सुंदर गोयनका एक कंपनी चला रहे थे जो दक्षिण और पूर्वी भारत में प्लांट्स और टेक्सटाइल मिलों को कच्चे माल और मशीन पार्ट्स की सप्लाई करती थी। अपने अकाउंट की गतिविधियों को संचालित करने वाला सॉफ्टवेयर ढूंढने में असमर्थ होने पर उन्होंने अपने 23 साल के मैथ्स ग्रैजुएट बेटे भरत गोयनका को एक ऐसा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन बनाने के लिए कहा जो उनके बिजनेस के वित्तीय खातों को संभाल सकें।
जिसके बाद अकाउंटिंग वर्जन का पहला वर्जन MS-DOS एप्लिकेशन के रूप में लॉन्च किया गया। जिसमें सिर्फ बेसिक अकाउंटिंग फंक्शन्स थे और उसका नाम रखा गया प्यूट्रॉनिक्स फाइनेंशियल अकाउंटेंट।
टैली क्यों इतना लोकप्रिय है? (Why is Tally So Popular)
टैली सॉफ्टवेयर अपनी विशेषताओं के चलते छोटे-बड़े सभी तरह के उद्योगों में लोकप्रिय है।
• टैली सॉफ्टवेयर की मदद से लेजर, वाउचर और जर्नल जैसे फायनेन्शियल रिकॉर्ड बनाने और बनाए रखने की अनुमति देता है। इतना ही नहीं इस सॉफ्टवेयर की मदद से स्टॉक, इन्कम और खर्च को ट्रैक किया जा सकता है।
• टैली में इनवॉइस और रिपोर्ट भी तैयार किया जा सकता है।
• प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट, बेलेन्स शीट और ट्रायल बेलेन्स बनाने के लिए टैली में अकाउंटिंग फीचर्स भी दिए गए हैं।
• टैली में दिए गए फायनेन्शियल मैनेजमेंट की सुविधा की मदद से बिजनेस और उनकी वित्तीय गतिविधियों के प्रबंधन और उनकी वित्तीय रणनीतियों के बारे में निर्णय लेने के लिए टूल दिया गया है।
• टैली में टैक्स कंप्लायंस की मदद से कर देनदारियों की गणना और कर रिपोर्ट भी तैयार किया जा सकता है। इससे GST रिटर्न भी तैयार किया जा सकता है।
• टैली में बजट सुविधा से फायनेन्शियल टार्गेट निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए मदद मिलती है।
• स्टॉक पर नजर रखने, खरीद और बिक्री के रिकॉर्ड द्वारा इन्वेंट्री मैनेज की जा सकती है।
• सेल्स और पर्चेज मैनेजमेंट के जरिए इनवॉइस बनाने, भुगतान और बकाया राशि को ट्रैक किया जा सकता है।
• बिजनेस लेन-देन, बिक्री और ग्राहक के ऑर्डर को मैनेज करने के लिए टैली में प्वाइंट ऑफ सेल (POS) सिस्टम भी मिलती है।
• इसके अलावा टैली में पेरोल मैनेजमेंट, रिपोर्ट एंड एनालिसिस, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट रिमोट एक्सेस जैसी कई विशेषताएं दी जाती है जो बिजनेस की गतिविधियों को संचालित करने में मदद करते हैं।
टैली में करियर के अवसर (Career Opportunities in Tally in Hindi)
टैली सॉफ्टवेयर सीखने के बाद आप कई तरह की जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं।
1. अकाउंटेंट
टैली कोर्स सीखने के बाद आप छोटी-बड़ी कंपनियों, बैंक, कार्यालयो के लिए अकाउंटेंट के तौर पर काम कर सकते हैं। जिसमें बिजनेस की गतिविधियों को संचालित करना और वित्तीय रिपोर्ट तैयार करना होता है।
2. बिलिंग एक्सपर्ट
बिजनेस के स्टेकहोल्डर्स के लिए चालान, रसीद, मैनेजमेंट इत्यादि का काम बिलिंग वर्क में शामिल हैं।
3. टैक्स कंसल्टेंट
टैक्स कंसल्टेंट के रूप में आप बिजनेस और व्यक्तिगत क्लायंट को टैक्स संबंधी सलाह और सेवाएं प्रदान कर सकते हैं।
4. फायनान्स ऑफिसर
फायनेन्शियल रिकॉर्ड, स्टॉक मैनेजमेंट, वित्तीय लेन-देन, बैंक लेन-देन और अन्य वित्तीय संबंधित कार्यों का काम फायनान्स ऑफिसर का रहता है। टैली का कोर्स सीखकर आप फायनान्स ऑफिसर के तौर पर काम भी कर सकते हैं।
5. ऑडिटर
टैली का कोर्स करने के बाद आप ऑडिटर के रूप में विभिन्न संगठनों के ऑडिट का काम और इंस्पेक्शन का काम और फायनेन्शियल वेरिफेकेशन का काम संभाल सकते हैं।
6. इन्वेंटरी मैनेजर
इसके अलावा आप बुककीपर, इन्वेंट्री मैनेजर, फ्रीलांसर के तौर पर भी काम कर सकते हैं।
टैली कैसे सीखें? (How to Learn Tally in Hindi)
अगर आप टैली सीखना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से यह कोर्स कर सकते हैं। मान्य संस्थान में एडमिशन लेकर सीख सकते हैं या फिर आपको ऑनलाइन भी की विकल्प मिल जाएंगे। यु ट्यूब पर भी आपको फ्री ट्यूटोरियल मिल जाएंगे। इसके अलावा आप टैली संबंधित किताबें भी खरीद सकते हैं। यह एक ऐसा कोर्स है जिसमें आए दिन अपडेट आते रहते हैं ऐसे में इस सॉफ्टवेयर को लेकर अपडेट रहना जरूरी है।
टैली कोर्स की अवधि और फीस (Tally Course Duration & Fees in Hindi)
टैली का कोर्स सभी संस्थानों में अलग अलग होता है, लेकिन आमतौर पर इस कोर्स की अवधि 2-3 महीने की होती है। अगर इस कोर्स की फीस की बात करें तो 3 हजार से लेकर 5 हजार रुपए तक की हो सकती है। कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास कोई भी छात्र यह कोर्स कर सकता है।
टैली कोर्स करने के फायदे (Benefits of Tally Course in Hindi)

• टैली (Tally in Hindi) कोर्स करने के बाद किसी भी छोटे-बड़े उद्योग, बैंक, बिजनेस, दुकान, संस्थानों और फ्रीलांसर के तौर पर काम कर सकते हैं।
• अगर आप किसी भी शोर्ट टर्म कोर्स के जरिए जॉब पाना चाहते हैं तो टैली कोर्स एक अच्छा विकल्प है।
• आप जॉब नहीं करना चाहते तो टैली के ट्यूटोरियल के जरिए भी पैसे कमा सकते हैं।
• आप बिजनेस करते हैं तो आप खुद अपने बिजनेस का अकाउंट मेंटेन सकते हैं।
• जानी-मानी कंपनियां अपने बिजनेस के लेन-देन के लिए टैली सोफ्टवेयर का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे में आपको आसानी से बड़ी कंपनी में भी जॉब मिल जाएगी।
निष्कर्ष
कंप्यूटर के जमाने में आज सबकुछ कम्प्यूटराईज्ड हो गया है, बिजनेस या उद्योग के अकाउंट भी। ऐसे में टैली अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर (Tally in Hindi) एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो बिजनेस की सभी गतिविधियों को संचालित करने के लिए मदद करता है। इतना ही नहीं शोर्ट टर्म के इस कोर्स के जरिए आपको करियर के भी कई सारे विकल्प मिल जाते हैं। अगर आप भी टैली सिख के Accounting फील्ड में अपना कैरियर बनाना चाहते तोह आज ही पटना का सबसे सर्वोतम Tally Training इंस्टिट्यूट BCIT WORLD में आज ही अपना डेमो फिक्स करे ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
टैली कोर्स कितनी अवधि का होता है?
टैली कोर्स की अवधि सभी संस्थानों में अलग अलग होती है लेकिन आमतौर पर 2 से लेकर 3 महिने तक की होती है।
टैली कोर्स कहां से करें ?
टैली कोर्स आप किसी भी मान्य संस्थान से या फिर ऑनलाइन भी कर सकते हैं। आप टैली संबंधित किताबें भी खरीद सकते है और उसके जरिए टैली सीख सकते हैं।
टैली सीखने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
टैली सीखने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दो तरीके होते हैं। इनमें से आपको जो समझने में सबसे आसान लगे उस तरीके से आप टैली सीख सकते हैं।
क्या खुद से टैली सीखना संभव है?
अगर आप जर्नल ऐन्ट्री में एक्सपर्ट हैं तो आप ट्यूटोरियल के जरिए भी टैली सीख सकते हैं।
टैली कोर्स की फीस कितनी होती है?
₹3,000 से ₹5,000 तक, संस्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।