ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) सॉफ्टवेयर का एक कलेक्शन है जो कंप्यूटर के हार्डवेयर रिसोर्स को मैनेज करता है और कंप्यूटर प्रोग्राम के लिए कॉमन सर्विस प्रदान करता है। इसलिए कंप्यूटर को चलाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System in Hindi) का होना अनिवार्य होती है। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर पर कोई भी प्रोग्राम या एप्लिकेशन काम नहीं कर सकता है।
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ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? (What is Operating System in Hindi)
आप हमारे (Operating System in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है? पूरी जानकारी और नौकरिया इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर चलने वाला सबसे महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है। यह सिर्फ कंप्यूटर की मैमोरी, प्रोसैस हीं नहीं बल्कि सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को भी मैनेज करने का काम करता है। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर की कल्पना करना भी मुश्किल है। ऑपरेटिंग सिस्टम को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह कंप्यूटर के सभी रिसोर्स और ऑपरेशन को मैनेज कर सके। ऑपरेटिंग सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि सभी प्रोग्राम अच्छे से चले।
ऑपरेटिंग सिस्टम का इतिहास (History of Operating System in Hindi)
ऑपरेटिंग सिस्टम में आए बदलाव को जेनरेशन में बांटा जाता है। 1940 से लेकर 1950 तक ऑपरेटिंग सिस्टम की पहली जेनरेशन हुआ करती थी, यह वही समय है जब कंप्यूटर डेवलॉप हो रहा था।
वास्तव में पहले ऑपरेटिंग सिस्टम 1956 में जनरल मोटर्स द्वारा IBM 705 के लिए निर्माण किया गया था। जिसे दूसरी जेनरेशन कहा जाता है। जिसके बाद 1969 में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम ने ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला वर्जन विकसित किया था। इसे मिनी कंप्यूटर के लिए असेंबली भाषा में लिखा गया था। यह ऑपरेटिंग सिस्टम की तीसरी जेनरेशन थी और पर्सनल कंप्यूटर के विकास के साथ हीं शुरुआत हुई ऑपरेटिंग सिस्टम की चौथी जेनरेशन की।
ऑपरेटिंग सिस्टम के प्रकार (Types of Operating System in Hindi)
ऑपरेटिंग सिस्टम को कार्यक्षमता के आधार पर चार प्रकार में बांटा गया है।
1. बैच ऑपरेटिंग सिस्टम : पूराने कंप्यूटर में किसी भी कार्य को करने के लिए उसे छोटे-छोटे समूहों में यानी बैच में बांट दिया जाता था।
2. टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम : जब रिसोर्स की क्षमता कम होती है और इसका उपयोग करने वाले यूजर की संख्या ज़्यादा होती है तब टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
3. मल्टिटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम : इसके नाम की तरह हीं इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक साथ कई कार्यों को किया जा सकता है। इसकी वजह से एक साथ कई प्रोग्राम खोलने और उसमें काम किया जा सकता है।
4. रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम : इसे RTOS भी कहा जाता है। इसमें किसी भी काम को पूरा करने के लिए एक निर्धारित समय तय किया जाता है। अगर ऑपरेटिंग सिस्टम उस समय में काम नहीं कर पाती तो काम फैल हो जाता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएं (Features of Operating System in Hindi)
• मैमोरी मैनेजमेंट : कंप्यूटर की मैमोरी को मैनेज करने का काम मुख्य रूप से ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा किया जाता है। मैमोरी के कौन से हिस्से का इस्तेमाल कौन सा प्रोग्राम कर रहा है इसकी जानकारी भी ऑपरेटिंग सिस्टम रखता है। मल्टिप्रोग्रामिंग को मैनेज करने का काम भी ऑपरेटिंग सिस्टम हीं करता है।
• प्रॉसेसर मैनेजमेंट : प्रॉसेस के स्टेटस को ट्रेक करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम करती है। यह ट्रैफिक कंट्रोलर के रूप में भी काम करती है। जब किसी प्रोग्राम को प्रॉसेसर की जरूरत नहीं होती है तो उसे डिलॉकेट करने का काम भी ऑपरेटिंग सिस्टम करती है।
• डिवाइस मैनेजमेंट : ड्राइवर्स के जरिए ऑपरेटिंग सिस्टम डिवाइस कम्यूनिकेशन को मैनेज करती है। सिस्टम के साथ जुड़े सभी डिवाइस को ट्रैक करने का काम भी यहीं करता है। इसे I/O कंट्रोलर भी कहा जाता है।
• फाइल मैनेजमेंट : ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर की फाइल सिस्टम को भी ट्रैक करने का काम करती है। किसी भी प्रोग्राम को रिसोर्स देने का निर्णय OS द्वारा हीं लिया जाता है।
• सिक्योरिटी मैनेजमेंट : सिस्टम के गोपनीय डाटा को सुरक्षित करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम करती है और किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को सिस्टम एक्सेस करने से रोकती है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य (Functions of Operating System in Hindi)
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर के लिए बहुत हीं महत्वपूर्ण है, इसके कुछ कार्य निम्नलिखित हैं।
- हार्डवेयर मैनेजमेंट
- मैमोरी मैनेजमेंट
- प्रॉसेस मैनेजमेंट
- फाइल को मैनेज करना
- गोपनीय डाटा की सुरक्षा
- यूजर इंटरफेस
- नेटवर्किंग
- एप्लिकेशन सपोर्ट
- अपडेट और मेंटेनेंस
प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम
कंप्यूटर, मॉबाइल, सर्वर सभी में अलग-अलग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है।
कंप्यूटर (डेस्कटॉप) ऑपरेटिंग सिस्टम :
- क्रोम
- MS-Windows
- Deepin
- Free BSD
- CentOS
- Debian
- Solaris
- Fedora
- Mac OS
मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम :
- iOS
- Android
- PenPoint OS
सर्वर ऑपरेटिंग सिस्टम :
- Linux
- UNIX
- Chrome OS
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ऑपरेटिंग सिस्टम के लाभ (Advantages of Operating Systems)
- उपयोग में आसानी (Ease of Use): यूज़र अपने कंप्यूटर में window वाला ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आसानी से इंटरैक्ट कर सकते हैं। Windows वाले ऑपरेटिंग सिस्टम में नेविगेशन सरल होता है।
- मल्टीटास्किंग की सुविधा (Support for Multitasking) : ऑपरेटिंग सिस्टम यूज़र को एक से जायदा प्रोग्राम्स को एक ही समय में चलाने की अनुमति देता है। जिससे समय की बचत होती है।
- डेटा सुरक्षा (Data Security): ऑपरेटिंग सिस्टम हमारे डेटा की सुरक्षा के लिए कई फीचर्स प्रदान करता है, जैसे पासवर्ड प्रोटेक्शन और एन्क्रिप्शन।
ऑपरेटिंग सिस्टम की सीमाएँ (Limitations of Operating Systems)
- वायरस और मैलवेयर का खतरा : Pirated windows ऑपरेटिंग सिस्टम, वायरस और मैलवेयर attack होने की जायदा संभावना होते है, फाइल्स का नुकसान और windows corrupt होने का डर बना रहता है।
- हार्डवेयर की आवश्यकता : नए ऑपरेटिंग सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने के लिए अधिक हार्डवेयर स्पेस जैसे की RAM और SSD की जरूरत परती है।
- लागत : कई ऑपरेटिंग सिस्टम, जैसे Windows और macOS, को खरीदने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है, जो काफी महंगा भी हो सकता है।
कैसे चुने सही ऑपरेटिंग सिस्टम? (How to Choose the Right Operating System)
सही ऑपरेटिंग सिस्टम चुनना आपके लिए एक महत्वपूर्ण चुनोती है, आइये जानते है कैसे चुने :
- उपयोग का उद्देश्य (Purpose of Use): सबसे पहले, आपको ये समझना होगा की आप ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किस उद्देश्य के लिए करना चाहते है, यानि की आपका वर्क क्या सब रहेगा।
- उपयोगकर्ता इंटरफेस (User Interface): आपको एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम चुनना चाहिए जिसका यूज़र इंटरफ़ेस आपके लिए सहज और सुविधाजनक हो।
- लागत (Cost): ऑपरेटिंग सिस्टम की लागत भी एक महत्वपूर्ण कारक है।
- सपोर्ट और अपडेट्स (Support and Updates): Windows और macOS में समय समय पे अपडेट आते रहते है और सपोर्ट भी मिल जाता है टीम की तरफ से।
निष्कर्ष
कंप्यूटर हो या मोबाइल उसे चलाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम अनिवार्य है। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System in Hindi) कंप्यूटर या मोबाइल काम हीं नहीं कर सकता। बदलते समय के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम में भी कई बदलाव आए, जो आज के कंप्यूटर और मोबाइल के कार्य करने की क्षमता से जान सकते हैं। अगर आप भी Operating System का कोर्स सिख के कंप्यूटर IT फील्ड में अपना कैरियर बनाना चाहते तोह आज ही पटना का सबसे सर्वोतम DCA Computer इंस्टिट्यूट BCIT WORLD में आज ही अपना डेमो फिक्स करे ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य कौन कौन से हैं?
हार्डवेयर मैनेजमेंट, मैमोरी मैनेजमेंट, प्रॉसेस मैनेजमेंट, फाइल को मैनेज करना, गोपनीय डाटा की सुरक्षा, यूजर इंटरफेस, नेटवर्किंग, एप्लिकेशन सपोर्ट, अपडेट और मेंटेनेंस इत्यादि ऑपरेटिंग सिस्टम के कार्य है।
ऑपरेटिंग सिस्टम का महत्व क्या है?
किसी भी कंप्यूटर या मोबाइल तभी काम कर सकता है जब उसकी ऑपरेटिंग सिस्टम सही तरीके से काम कर रही हो। किसी भी डिवाइस की कार्य क्षमता उसके ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर करती है।
ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर या मोबाइल के सभी रिसोर्स और ऑपरेशन को मैनेज करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम करती है।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कौन-कौन से प्रकार हैं?
ऑपरेटिंग सिस्टम के चार प्रकार है – बैच ऑपरेटिंग सिस्टम, टाइम शेयरिंग ऑपरेटिंग सिस्टम, मल्टिटास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम और रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम।
ऑपरेटिंग सिस्टम के कुछ उदाहरण?
MS-Windows, Deepin, Free BSD, CentOS, Debian, Solaris, Fedora, Mac OS, iOS, Android, PenPoint OS, Linux, UNIX, इत्यादि ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण है।
Windows और macOS में क्या अंतर है?
Windows: यूजर को ज्यादा कस्टमाइज़ेशन देता है , काफी पोपुलर बड़ी सॉफ्टवेयर सपोर्ट है, और PC के लिए लोकप्रिय।
MacOS: खास तौर पर Apple के हार्डवेयर के लिए, सुरक्षा और ग्राफिक्स के मामले में बढ़िया।
कौन सा ऑपरेटिंग सिस्टम ज्यादा सुरक्षित है?
Linux और macOS को अधिक सुरक्षित माना जाता है क्योंकि ये वायरस और मैलवेयर से कम प्रभावित होते हैं। हालाँकि, Windows भी एंटीवायरस होता है, जिसके वजह से window भी आपके लिए सुरक्षित हो सकता है।