आज कंप्यूटर के बिना कोई भी काम करने की कल्पना करना भी मुश्किल है। एजुकेशन हो या कॉर्पोरेट जगत आज हर ओर्गेनाइजेशन में कंप्यूटर पर निर्भरता बढ़ती जा रही है ऐसे में बदते समय और जरूरत के हिसाब से कंप्यूटर सिस्टम में भी कई बदलाव हुए हैं। इन बदलावों के प्रकार को कंप्यूटर की पीढ़ी (Generation of Computer in Hindi) के रूप में बांटा जाता है।
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कंप्यूटर की पीढिया क्या है? (Generation of Computer in Hindi)
आप हमारे (Generation of Computer in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की कंप्यूटर की पीढिया और फायदे एवं नौकरिया इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।
कंप्यूटर द्वारा इस्तेमाल की जानेवाली टेक्नोलॉजी में आ रहे बदलाव को ‘कंप्यूटर की पीढ़ी’ के नाम से जाना जाता है। 16वीं शताब्दी के आसपास कंप्यूटर का विकास शुरू हुआ। इसके बाद इसमें लगातार बदलाव आते गए। शुरुआत में पीढ़ी (जेनरेशन) शब्द का उपयोग हार्डवेयर टेक्नोलॉजी के बीच अंतर करने के लिए किया जाता था, लेकिन आज जेनरेशन में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों शामिल हैं जो मिलकर कंप्यूटर सिस्टम को बनाता है। आज तक कंप्यूटर की पांच पीढ़ियां आ चुकी है।
कंप्यूटर पीढ़ी का इतिहास (History of Generation of Computer in Hindi)
चार्ल्स बैबेज को ‘कंप्यूटर का जनक’ कहां जाता है, उन्होंने हीं सबसे पहले कंप्यूटर की बेसिक डिजाइन की कल्पना की थी। वह एक ऐसा डिवाइस बनाना चाहते थे जो पूर्ण सटीकता से गणना कर सके। इसके बाद उन्होंने जिस कंप्यूटर को डिजाइन किया उसे डिफरेंस इंजन कहा जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में कंप्यूटर का क्रमिक विकास हुआ है। कंप्यूटर कई वर्षों के दौरान टेक्निकल बदलाव से गुजरा है। साइंस में आ रहे आविष्कार के साथ कंप्यूटर दिन-ब-दिन ‘स्मार्ट’ होते जा रहे हैं। अब कंप्यूटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से और कई बदलावो को देखा जा सकता है।
कम्प्यूटरों की प्रथम पीढ़ी (First Generation of Computer in Hindi)
कंप्यूटरो की प्रथम पीढ़ी समय 1946 से 1959 के बीच में था। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की साईज इतनी बड़ी हुआ करती थी की उसे रखने के लिए एक कमरे की जरूरत पड़ती थी। इन कंप्यूटर में कांच के बने वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता था। हजारों वैक्यूम ट्यूब की वजह से इसका आकार काफी बड़ा हुआ करता था। इस कंप्यूटर में बेच प्रोसेसिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था। इन कंप्यूटर का उपयोग कैलकुलेट करने, डाटा स्टोर करने के लिए किया जाता था।
कंप्यूटर की द्वितीय पीढ़ी (Second Generation of Computer in Hindi)
दूसरी पीढी के कंप्यूटरो का समय 1956 से 1963 तक था। इस कंप्यूटर में वैक्यूम की जगह ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया गया था जिसकी वजह से यह पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में छोटे होते थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था। इसके लगातार रख-रखाव की जरूरत पड़ती थी। हालांकि यह काफी सटीकता से गणना करते थे। पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर सस्ते होते थे।
कंप्यूटर की तृतीय पीढ़ी (Third Generation of Computer in Hindi)
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट (चीप) का इस्तेमाल किया जाता था, जिसकी वजह से कंप्यूटर की साइज दूसरी जेनरेशन के कंप्यूटर की तुलना में काफी कम थी, लेकिन इस चीप को बनाना और रिपेयर करना काफी मुश्किल हुआ करता था। तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की स्पीड पहले और दूसरे पीढ़ी के कंप्यूटर से ज्यादा थी। इस पीढ़ी के कंप्यूटर की मैमोरी की क्षमता भी ज्यादा थी। हालांकि की यह कंप्यूटर पहली और दूसरी जेनरेशन के कंप्यूटर की तुलना में ज्यादा गर्मी पैदा करते थे।
कंप्यूटर की चतुर्थ पीढ़ी (Fourth Generation of Computer in Hindi)
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में IC की जगह माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता था। इस जेनरेशन के कंप्यूटर का दौर 1970 से 1985 तक का था। इस कंप्यूटर की स्पीड और क्षमता दोनों ही बढ़ गई थी। इस कंप्यूटर की साइज छोटी होने के बावजूद भी इसमें ढेर सारे फीचर्स शामिल थे। यह हाई लेवल लैंग्वेज जैसे कि -C, C++ को भी सपोर्ट करते थे। इस कंप्यूटर की खास बात यह थी कि यह बहुत ही कम गर्मी पैदा करते थे। इस जेनरेशन के कंप्यूटर काफी सस्ते होते थे और इसका रख-रखाव भी काफी कम था।
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कम्प्यूटरों की पंचम पीढ़ी (Fifth Generation of Computer in Hindi)
वर्तमान समय में हम जो कंप्यूटर इस्तेमाल कर रहे हैं वह पांचवीं पीढ़ी के हीं हैं। पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर पिछले सभी जेनरेशन के कंप्यूटर से ज्यादा आधुनिक है। इसमें आज सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है। इस पीढ़ी में -C, C++, Java और .Net का इस्तेमाल किया जाता है। इस कंप्यूटर के साइज भी काफी छोटी है, इतना ही नहीं इसका वजन भी काफी कम होता है। इस कंप्यूटर को बनाने में काफी जटिल टूल का इस्तेमाल किया जाता है जिसका मिलना काफी मुश्किल हो जाता है।
निष्कर्ष
समय के साथ साथ टेक्नोलॉजी में बदलाव अनिवार्य हो गया है। कंप्यूटर की क्षमता, मैमोरी बढ़ने के साथ साथ उसकी साईज में भी हम बदलाव देख सकते हैं और कंप्यूटर के सभी जेनरेशन (Generation of Computer in Hindi) में हम यह बदलाव महसूस कर सकते हैं। आज किसी भी काम को आसानी से करने लिए कंप्यूटर आवश्यक हो गया है। अगर आप भी Generation of Computer के बारे में जानकर के कंप्यूटर IT फील्ड में अपना कैरियर बनाना चाहते तोह आज ही पटना का सबसे सर्वोतम DCA Computer इंस्टिट्यूट BCIT WORLD में आज ही अपना डेमो फिक्स करे ।
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